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कोरोना संक्रमण के बीच मलेरिया पर लगी लगाम


संवाददाता जतन सिंह


मलेरिया मरीजों में आई 90 फीसद कमी वर्ष 2019 में थे 48 मरीज, 2020 में महज 4 केस

डेंगू मरीजों की भी संख्या 7 से घटकर 5 हुई


महोबा कोरोना संक्रमण लोगों की परेशानी का सबब जरूर बना है, लेकिन इसके चलते अन्य संक्रामक रोगों में कमी आई है। लॉकडाउन व साफ सफाई के चलते पिछले साल के मुकाबले मलेरिया व डेंगू के मरीज घटे हैं। स्वास्थ्य विभाग के लगातार प्रयासों व जागरूकता की वजह से मलेरिया मरीजों में 90 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।

जिला मलेरिया अधिकारी आरपी निरंजन ने बताया कि वर्ष 2019 में जनपद में मलेरिया के 48 और डेंगू के 7 मरीज थे, जबकि वर्ष 2020 में इन मरीजों में कमी आई है। यहां मलेरिया के 4 और डेंगू के 5 मरीज चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि लोगों की रैपिड किट से टेस्टिंग की गई। जो लोग पॉजिटिव पाए गए उन्हें दवाइयां दी गई और उनकी मॉनीटरिंग भी की गई। इससे यह मरीज दूसरे लोगों के लिए खतरा नहीं बन सके। इसके अलावा जनपद में जागरूकता अभियान चलाए गए। लोगों को घरों व आसपास सफाई के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते बाहरी राज्यों से आने वालों पर पाबंदी रही, जिसकी वजह से मलेरिया व डेंगू का संक्रमण नियंत्रित रहा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.एमके सिन्हा का कहना है कि बरसात शुरू होने के साथ ही मलेरिया स्प्रेड शुरू हो जाता है। यह खतरा जून से शुरू होकर सितंबर तक रहता है। इस दौरान जगह-जगह जलभराव से बड़ी संख्या मच्छरों की ब्रीडिंग होती है। अगर इस दौरान उनकी ब्रीडिंग पर काबू पा लिया जाए तो मलेरिया कंट्रोल किया जा सकता है।एक मच्छर से 18 दिनों तक खतरा।मच्छर अपने जीवन काल में 18 दिन ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मच्छर की लाइफ सर्किल 28 से 32 दिनों की होती है। इतने समय में भी करीब 10 दिन उसके अंडे से मच्छर बनने में लग जाते हैं। इस तरह कोई मच्छर अगर मलेरिया संक्रमित है तो वह जिसको भी काटेगा उसे संक्रमित कर सकता है।

 
 
 

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