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जिला प्रशासन से न्याय न मिलने से नाराज बेवा का 22 दिसंबर 2020 को आत्मदाह करने का ऐलान,


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सीएम योगी से लगाई न्याय दिलाने की गुहार


बलिया ।। शहर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल द्वारा अपने बेटे के हाइड्रोसिल के गलत आपरेशन करने,अंडकोष निकाल देने और अस्पताल की लापरवाहियों के चलते कैसर हो जाने और इसके इलाज में अबतक अपना खेत घर बेचकर सड़क पर आ चुकी बेवा मीरा देवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पंजीकृत पत्र के माध्यम से न्याय की गुहार लगायी गयी है ।

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बेवा मीरा देवी पत्नी स्व स्वप्न कुमार निवासी विशुनपुरा बसरिकापुर थाना दुबहड़ जनपद बलिया का आरोप है कि 25 अप्रैल2019 को इसके जवान पुत्र के हाइड्रोसिल का ऑपरेशन शहर बलिया के पूर्वांचल हॉस्पिटल जगदीशपुर बलिया में डॉ चन्द्रशेखर सिंह व डॉ बालेश्वर सोनी द्वारा किया गया । इन दोनों ने लापरवाही में मेरे पुत्र का अंडकोश भी निकाल दिया । जब महीनों बाद दवाई कराने के घाव नही सूखा तो हम लोगो ने पुनः इन चिकित्सको को दिखाया तो इन लोगो ने बीएचयू के लिये रेफर कर दिया । बीएचयू में जांच के बाद पता चला कि मेरे बेटे का घाव केंसर में बदल गया है और इसका अंडकोष भी निकाल दिया गया है ।

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हम लोग अपने बेटे की जान बचाने के लिये वरणासि के अपेक्स हॉस्पिटल में इलाज शुरू कराया । इसके इलाज में अब तक 6 कीमोथेरेपी हो चुकी है और लगभग 15 लाख रुपये लगे है । प्रार्थिनी ने यह रकम अपनी जमापूंजी जमीन व घर को बेचकर लगाया है । प्रार्थिनी द्वारा इसकी शिकायत जिलाधिकारी बलिया के यहां की गई जिन्होंने इस प्रकरण की जांच के लिये एक समिति बनाकर जांच भी करायी । जांच समिति ने डॉ चंद्रशेखर सिंह की डिग्री को ऑपरेशन करने वाली नही बताते हुए झोलाछाप की संज्ञा दी और इसके आधार पर जिलाधिकारी बलिया ने 16 दिसम्बर 2019 को अस्पताल को सील करके विधिक कार्यवाही करने के लिये सीएमओ बलिया को आदेशित किये । परंतु खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि एक साल बाद भी जिलाधिकारी अपने ही आदेश का न तो पालन ही कार पाये है और न ही मुझ बेवा को न्याय ही मिला है । उल्टे मेरे द्वारा कोतवाली में दर्ज कराये गये एफआईआर दफा 326 में जांच अधिकारी ने एफआर लगा दिया है ।

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महोदय, मैं बेवा धन जन सबसे टूट चुकी हूं ,मुझे दौड़ते हुए एक साल से अधिक हो गये है,मेरा बेटा आज भी जीवन मृत्यु के बीच झूल रहा है लेकिन मुझे बलिया के अधिकारियों से न्याय नही मिल रहा है । न्याय दिलाने की मेरी आप ही अंतिम आस है,अगर 20 दिसम्बर 2020 तक आप से भी न्याय मिलने की आशा नही दिखेगी तो मुझे निराशा के कारण 22 दिसम्बर 2020 को कलेक्ट्रेट परिसर में आत्मदाह करना पड़ जायेगा । मुझे उम्मीद है कि आप से न्याय जरूर मिलेगा ।

 
 
 

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