जानकीपुरम में बिजली चोरी का खेल – विभाग की आंखें बंद, प्रशासन मौन!
- Kumar Nandan Pathak
- 1 जुल॰
- 1 मिनट पठन
झुग्गी-झोपड़ी, ठेले-खोमचों पर अवैध कटिया का कब्ज़ा, लेकिन अधिकारी बेखबर – या फिर शामिल?
केपीपीएन संवाददाता।
लखनऊ | न्यू कैंपस, जानकीपुरम इलाके में बिजली चोरी कोई रहस्य नहीं रहा — यह अब एक 'सिस्टम' बन चुका है, जिसमें विभागीय कर्मचारी से लेकर स्थानीय प्रशासन तक की संदिग्ध चुप्पी सवाल खड़े कर रही है।
जहां एक तरफ झुग्गी-झोपड़ियों और ठेले-खोमचों पर दिन-रात कटिया कनेक्शन के जरिए बिजली का जमकर इस्तेमाल हो रहा है, वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग के अधिकारियों की आंखों पर मानो पट्टी बंधी है।
प्रशासन की चुप्पी — सहमति या समर्पण?
चौंकाने वाली बात यह है कि इस गोरखधंधे की जानकारी स्थानीय प्रशासन को भी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज दिखावे की रेड और कुछ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर इतिश्री कर दी जाती है। ज़मीनी हकीकत यह है कि कोई स्थायी समाधान न तो खोजा गया, न ही लागू किया गया।
बिजली विभाग और प्रशासन की साठगांठ से पनप रहा 'कटिया कारोबार'
कहा जा रहा है कि कुछ अधिकारियों और स्थानीय दलालों के बीच अवैध कनेक्शन के बदले मोटी रकम की सेटिंग होती है। झुग्गी, खोमचे और ठेले वालों को बाकायदा 'पैकेज' में बिजली मुहैया कराई जा रही है — बिना मीटर, बिना रजिस्ट्रेशन, बिना डर। शिकायत करो तो कार्रवाई नहीं, उल्टा शिकायतकर्ता को ही घूरा जाता है। सवाल ये है कि जब हर दिन बिजली चोरी हो रही है, तो फिर विभाग और प्रशासन क्या सिर्फ सेल्फी लेने के लिए ही हैं?
"काग़ज़ों में चलती है कार्रवाई,
ज़मीं पर सब चलता है यूं ही भाई।
कटिया, रिश्वत, मिलीभगत की डोर,
लखनऊ में उजाले भी अब हो गए हैं चोर!"








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