दबंगों का कहर: छेड़खानी की शिकायत देने पर भाजपा महिला कार्यकर्ता को पीट-पीटकर किया अधमरा, पुलिस पर लापरवाही का आरोप
- Kumar Nandan Pathak
- 12 जुल॰
- 2 मिनट पठन

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के इटौंजा थाना क्षेत्र स्थित अरम्बा गांव के पंडित पुरवा मोहल्ले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां भाजपा महिला कार्यकर्ता रंजना साहू पर कुछ दबंगों ने घर में घुसकर जानलेवा हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल रंजना इस समय लखनऊ मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हैं।
घटना बीते **बृहस्पतिवार रात लगभग 11 बजे** की है, जब गांव के दबंग पुनीत रावत, लल्लू रावत, मीनू रावत और उनके साथ दो-तीन अज्ञात लोग रंजना के घर घुस आए और उस पर धारदार हथियार **बांका** से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। रंजना को अधमरा हालत में अस्पताल ले जाया गया।
पीड़िता का आरोप है कि यह हमला महज इसलिए हुआ क्योंकि उसने तीन दिन पहले ही इटौंजा थाने के प्रभारी निरीक्षक से मिलकर दबंग पुनीत रावत की छेड़खानी और अश्लील हरकतों के खिलाफ शिकायत की थी। लेकिन इस गंभीर मामले में केवल खानापूर्ति करते हुए जांच की जिम्मेदारी बीट प्रभारी एसआई रमेश यादव को सौंप दी गई। रमेश यादव ने भी मामला दबा दिया और सिर्फ आश्वासन देकर पीड़िता को लौटा दिया।
रंजना ने बताया कि उन्होंने बुधवार को दोबारा थाने जाकर इंसाफ की गुहार लगाई, लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। पुलिस की इसी लापरवाही के चलते गुरुवार को उनके घर पर दोबारा हमला हुआ और उन्हें मौत के मुंह तक पहुंचा दिया गया।
गंभीर रूप से घायल रंजना का कहना है,
**"मेरे सिर से बहता हर कतरा इंसाफ मांग रहा है। अगर पुलिस ने वक्त रहते कार्रवाई की होती, तो आज मैं अस्पताल में न होती।"**
वहीं इस पूरे मामले में जब इटौंजा थाना प्रभारी मार्कण्डेय यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पुलिस टीम घटना की जांच कर रही है और पहले भी शिकायत पर कार्रवाई की गई थी।
**अब बड़ा सवाल ये है — जब शिकायत पहले ही दी जा चुकी थी तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई?**
क्या उत्तर प्रदेश की महिलाएं तब तक पुलिस के लिए 'अहम' नहीं बनतीं जब तक वे अस्पताल में जीवन-मृत्यु की लड़ाई नहीं लड़ने लगतीं?
प्रशासन को जवाब देना होगा — लापरवाह सिस्टम की वजह से किसी महिला का खून बहना कब बंद होगा?








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