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यह देश मल्टीनेशनल कंपनी से कभी कृषि प्रधान देश नही बन सकता,कमलेश यादव

भारत कृषि प्रधान देश कहा जाता है


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यह देश मल्टीनेशनल कंपनी से कभी कृषि प्रधान देश नही बन सकता

हमारा किसान अन्नदाता कहा जाता है


अन्नदाता है कौन कभी सोचा किसी ने


यह बड़ी-बड़ी कंपनियां और फैक्ट्रियां चलाने वाले अन्नदाता कभी नहीं बन सकते

यह अन्नदाता देश की रीड की हड्डी कहा जाता हैं


पुरे देश की हर थाली मे कौन खाना पहुचात है

आज जिन बडे बडे गोदामों बनाने वालो के लिए पुरे देश के किसानो को माराजा रहा है


हमारा भारत कभी सोने की चिडिया कहा जाता था


हमारे देश की मिट्टी सोना उगलती थी हीरा मोती पैदा करती थी


आज हम कहा से कहा पहुच गये कभी सोचा है किसी ने


कितना किसान आत्म हत्या करहा है


है कई ऐसा नेता या बिधायक इन्जिनियर जो किसान बनना चाहता हो




कभी ऊस किसान की हालत पुछने कई नेता गया है


आज दिल्ली के प्रदर्शन में 30 से ज्यादा हमारे किसान भाई शहीद हो गए किसी नेता ने पुछा उनके परिवार से


15 हजार करोड से ज्यादा रुपया बाकी है सरकार के ऊपर किसानो का ऊसपर होती है कोई बात

सरकार भी हम किसान बनाते हैं


सत्ता में भी हम ही आपको चुनकर भेजते हैं


आज सरकार कितना सत्ता के नशे में चूर हो गई इनको गरीब किसान अन्नदाता नहीं दिख रहा है


भाकियु श्रमिक जनशक्ती युनियन

प्रदेश अध्यक्ष

कमलेश यादव

 
 
 

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