लखनऊ में 24 साल से रह रहे परिवार को बेघर किया गया, पीड़ित ने एलडीए पर मिलीभगत का लगाया आरोप
- Kumar Nandan Pathak
- 13 अप्रैल
- 2 मिनट पठन

केपीपीएन संवाददाता।
लखनऊ। गोमतीनगर के विनीत खंड में स्थित मकान संख्या ई-2/162 को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। पीड़ित राज किशोर पाल ने आरोप लगाया है कि वह वर्ष 2000 से उक्त मकान में अपने परिवार के साथ निवास कर रहे थे, जिसकी पावर ऑफ अटॉर्नी राम लखन पुत्र भोलाराम ने 7 मार्च 2000 को उनके पक्ष में की थी। तब से वह लगातार बिजली, गृहकर, जलकर और गैस कनेक्शन के सभी बिल अपने नाम से जमा करते आ रहे हैं।
राज किशोर का कहना है कि एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से राम लखन ने अपनी पत्नी राधा देवी को सह-खातेदार बनवाया और बाद में 7 जनवरी 2023 को एक बैनामा कर उक्त संपत्ति राजकुमार सोनी के नाम कर दी, जिससे उनकी पावर ऑफ अटॉर्नी और नोटोरियल बेचीनामा का कानूनी प्रभाव खत्म हो जाए।
उन्होंने बताया कि यह मामला न्यायालय में उद्घोषणात्मक वाद संख्या 1108/2022 (राज किशोर पाल बनाम राम लखन व अन्य) के रूप में विचाराधीन है, जिसमें अगली सुनवाई की तिथि 26 अप्रैल 2025 को निर्धारित की गई है।
राज किशोर ने बताया कि वर्ष 2000 से वह निरंतर मकान में निवास कर रहे हैं और मकान की किस्तें भी उन्होंने ही अदा की हैं। जल निगम, नगर निगम और बिजली विभाग में उनके परिवार के नाम से रिकॉर्ड मौजूद हैं। उनके पास एलडीए की मूल रसीदें भी सुरक्षित हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भुगतान उन्हीं के द्वारा किया गया है।
लेकिन दिनांक 10 अप्रैल 2025 को शाम करीब 7:20 बजे एलडीए के जेई, एई और पुलिस बल बिना किसी पूर्व सूचना के पहुंचे और घर का ताला लगाकर उन्हें, उनकी पत्नी और तीन बच्चों को जबरन बाहर निकाल दिया गया। पीड़ित का कहना है कि अब उनके पास रहने के लिए कोई स्थान नहीं है और वे पूरी तरह बेघर हो गए हैं।
राज किशोर पाल ने इस कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बताते हुए उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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