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एक लाख की रिश्वत लेते सीजीएसटी अधीक्षक का चालक गिरफ्तार कार्यालय से भागे अधीक्षक और निरीक्षक


केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) मेरठ के अधीक्षक आफताब के निजी चालक सचिन को फर्म संचालक अनिल राघव से एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। बृहस्पतिवार को चालक सचिन को विशेष सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद में पेश किया। जहां से अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

छापा लगने की सूचना मिलते ही रिश्वत लेने के आरोपी अधीक्षक आफताब व निरीक्षक विकास भाग गए। छापे के दौरान कार्यालय में मौजूद सहायक आयुक्त जेके रजनीश से भी सीबीआई ने पूछताछ की। शिकायतकर्ता अनिल राघव ने अनुसार सीजीएसटी अधीक्षक आफताब और निरीक्षक विकास ने उनसे दो लाख रुपये मांगे थे। इसकी पहली किस्त एक लाख रुपये अधीक्षक के निजी चालक सचिन ने ली। तभी बुधवार को टीम ने उसे दबोच लिया था।

सीबीआई में 11 फरवरी को दर्ज रिपोर्ट के अनुसार कृष्णा विहार निवासी अनिल राघव की होम केयर सॉल्यूशन (एचसीएस) फर्म है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक सामान की पैकिंग की जाती है। अनिल ने सीबीआई को बताया कि समय पर जीएसटी फाइल करते हैं। दोनों अधिकारियों अधीक्षक आफताब और निरीक्षक विकास ने फर्म से खरीद और बिक्री का बिल मांगा था, जिसे अनिल ने जनवरी में जमा करा दिया था। इसी बीच दोनों अधिकारियों ने अनिल को कार्यालय बुलाया और फर्म के बिलों में गड़बड़ी बताकर दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी।

आरोप है कि 10 फरवरी को निरीक्षक विकास ने व्हाट्सएप कालिंग से रिश्वत मांगी। सीबीआई ने 11 फरवरी को रिपोर्ट दर्ज करने के बाद मामले की जांच की। इसके बाद जाल बिछाकर बुधवार शाम को सीजीएसटी मेरठ कार्यालय पर छापा मारा, लेकिन भनक लगते ही दोनों अधिकारी भाग गए और ड्राइवर सचिन के पास रिश्वत की पहली किश्त के एक लाख रुपये बरामद हुए।

 
 
 

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